हँसती गाती तबीयत रखिये
बच्चों वाली आदत रखिये
शोला, शबनम, शीशे जैसी
अपनी कोई फ़ितरत रखिये
हँसी, शरारत, बेपरवाही
इनमें अपनी रंगत रखिये
अपने दिल से भी कुछ बातें
कर लेने की फ़ुरसत रखिये
भरे-भरे मानी की ख़ातिर
कभी कभी कोरा ख़त रखिये
काम के इंसां हो जाओगे
हम जैसों की सोहबत रखिये
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